आयोजन- किड्स_समर_कैंप_काव्यांचल
प्रतिभागी-वेधा सिंह
कक्षा-पांचवीं
अभिभावक-लक्ष्मी सिंह
खोजे गए शब्द/वाक्य-
जग-मग करते चाँद सितारे सबको लगते कितने प्यारे।
रोज शाम को लिए चांदनी हँसते रहते नील #गगन में।
ओढ़ काली रात का चादर ,चाँद उतर आया आंगन में।
ये प्रहरी बनकर जागते है ,जब सोते धरती पर सारे।
जग-मग करते चाँद सितारे ......
ऊँच-नीच औ" जाती-पा ति का ,नहीं जानता भेद भाव यह।
अमीर-गरीब का फर्क नहीं ,सबसे मिलता प्रेम-भाव यह।
#ठिठुरते #सर्द #रात #में भी ,हंसकर आते सबके द्वारे।
जग-मग करते चाँद सितारे ......
आओ नौ निहाल के मामा, सिलवा दूँगी सुंदर जामा।
दूर सफर पर लेकर जाना ,मिलकर करेंगे हंगामा।
जीवन के सपनों से वंचित ,दिखला देना सुखद नजारे।
जग-मग करते चाँद सितारे ,सबको लगते कितने प्यारे।
वेधा सिंह
कक्षा पांचवीं

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