मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

उचाई की ओर

ऊँचाई की ओर चल , मैं अम्बर लूँ थाम।
सफलता का स्वप्न लिए, निडर करूँ मै काम।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुक्तक