मेरी कलम से
vedha singh class-IV-D
शनिवार, 9 फ़रवरी 2019
मुक्तक
काश मेरा एक भाई होता ,
दिल में उसके सच्चाई होता ,
मेरे दिल के हर इक जख्मों का,
उसका हर बोल दवाई होता।
-वेधा सिंह
कल्पना
अद्भुत है ये कल्पना ,ये सपनों की खान।
कोई भी इसके बिना ,भड़ता नहीं उड़ान।।
🎇✨🎇✨🎇✨
कल्पना ही तो सपने है ,
जो हर पल लगते अपने है ,
-वेधा सिंह
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मुक्तक
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मुक्तक
काश मेरा एक भाई होता , दिल में उसके सच्चाई होता , मेरे दिल के हर इक जख्मों का, उसका हर बोल दवाई होता। -वेधा सिंह